वर्धा Wardha | 27-7-24
प्राप्त जानकारी अनुसार आज दिनांक 27 -7-24 यशवंत महाविदयालय वर्धा कि विधीशाखा (Law department) ने वर्धा जिल्हा सञ न्यायलय व्दारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत मे शैक्षणिक भेट दी . विधीशाखा ( Law department ) के Head of the department डाँ. शिपरा सिंघम मैम के प्रमुख मार्गदर्शन मे विधी शाखा के 3 yrs तथा 5 yrs के सभी विधी छाञो ने विशाल ठोंबरे सर के नेतृत्व मे लोक अदालत के सभी पैनल मे शैक्षणिक भेट (educational visit) दी . विधी छाञो को न्यायाधीश तथा न्यायलयो कि कार्य प्रणाली ,तथा न्याय प्रक्रीया को पास से देखने का और सिखने का समझने का अवसर मिला .
सभी विधी छाञो ने बढे उल्हास के साथ ईस शैक्षणिक कार्य मे सहभाग लिया . न्यायाधीश तथा ,HOD डाँ सिघम मैम ,तथा सभी टिचर्स का विधी छाञो की ओर से धन्यवाद और आभार माना गया .
लोकअदालत क्या है और इसका उद्देश्य क्या है? आइये समझते ,……
‘लोक अदालत’ एक सुलह या बातचीत प्रणाली है। इसे ‘जनता की अदालत’ भी कहा जाता है। लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां अदालत में लंबित मामलों (या विवादों) का सौहार्दपूर्ण ढंग से समझौता या निपटारा किया जाता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने लोक अदालत संस्था का अर्थ इस प्रकार बताया है।
‘लोक अदालत’ न्यायिक प्रणाली का एक प्राचीन रूप है जो प्राचीन भारत में प्रचलित थी और आधुनिक समय में भी इसकी वैधता खत्म नहीं हुई है। यह प्रणाली गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित है। भारतीय अदालतें लंबी, महंगी और थकाऊ प्रक्रियाओं वाले लंबित मामलों के बोझ से दबी हुई हैं। छोटे-छोटे मामलों को निपटाने में भी अदालतों को वर्षों लग जाते हैं। इसलिए लोक अदालत त्वरित और सस्ते न्याय के लिए एक वैकल्पिक समाधान या योजना प्रदान करती है।
लोक अदालतों के उद्देश्य
लोक अदालत का आयोजन निम्नलिखित उद्देश्यों को लेकर किया गया।
शीघ्र न्याय दिलाना।
विवाद निपटान और लोक अदालत की कानूनी पवित्रता के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना।
लोक अदालत आयोजित करने की प्रक्रिया में तेजी लाना।
मुख्यधारा की कानूनी प्रणाली को पूरक प्रदान करना।
जनता को अपने मामलों को औपचारिक व्यवस्था के बाहर निपटाने के लिए प्रोत्साहित करना।
न्याय वितरण प्रणाली में भाग लेने के लिए जनता को सशक्त बनाना होता है