<p style="text-align: justify;">कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु कुछ महीनों से गंभीर जल संकट का सामना कर रही है. कुछ इलाकों में हाल ही के दिनों में हालत और खराब हो गए हैं. बेंगलुरु के महादेवपुरा, व्हाइटफील्ड और वर्थुर जैसे पॉश इलाके सबसे ज्यादा इस संकट से जूझ रहे हैं. यहां कई हाई राइज बिल्डिंग और अपार्टमेंट्स हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु में रहने वाले लोगों के लिए 27-28 फरवरी को मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. क्योंकि यहां 27 फरवरी को सुबह 6 बजे से 28 फरवरी को सुबह 6 बजे तक 24 घंटे की पानी की आपूर्ति में व्यवधान का सामना करना पड़ेगा. बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) ने आवश्यक रखरखाव कार्य करने और अनअकाउंटेड फॉर वॉटर (यूएफडब्ल्यू) स्थापित करने के लिए शटडाउन का ऐलान किया है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बेंगलुरु में क्यों हुआ जल संकट?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">BWSSB ने मंगलवार को लोगों से पानी का इस्तेमाल सावधानी से करने की अपील की है. बेंगलुरु के अधिकांश हिस्सों को कावेरी नदी से BWSSB कनेक्शन द्वारा पानी मिलता है. रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु को हर दिन कावेरी से 1450 मिलियन लीटर जल मिल रहा है. जबकि शहर को अपनी दैनिक जरूरतों के लिए प्रतिदिन लगभग 1700 मिलियन लीटर पानी की जरूरत होती है. ऐसे में बेंगलुरु के लोगों को पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है. बेंगलुरु में जिन लोगों के पास कावेरी जल कनेक्शन नहीं है, उन्हें अपने बोरवेल और पानी के टैंकरों से पानी मिल रहा है. पूर्वी बेंगलुरु के अधिकांश आलीशान अपार्टमेंट पूरी तरह से इन बोरवेल और पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">बेंगलुरु में मौजूदा जल संकट के पीछे कई वजह हैं, लेकिन सूखे को अहम वजह माना जा रहा है. पिछले साल बारिश में कमी के चलते कावेरी नदी में जल स्तर में कमी आई है. इसके चलते न सिर्फ पीने के पानी में बल्कि सिंचाई जरूरतों के लिए पानी की आपूर्ति में भी कमी आई है. पिछले कुछ महीनों में कम बारिश के कारण बेंगलुरु में भी बोरवेल सूख रहे हैं. </p>