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Thursday, November 21, 2024

कमठा मजदूर के बेटे का कमाल,ताउलो गेम्स में राष्ट्रीय स्तर पर चयन, ऐसे पाया मुकाम

रिपोर्ट- मनमोहन सेजू
बाड़मेर. हापो की ढाणी इन दिनों अचानक चर्चा में आ गया. ये बाड़मेर का दूर का गांव है. यहां के युवा का राष्ट्रीय खेल के लिए चयन हुआ है. चर्चा इसलिए क्योंकि इस खिलाड़ी के पिता कमठा मजदूर हैं. उनकी रात दिन की मेहनत से बेटा इस काबिल बना है. पढ़िए सक्सेस स्टोरी.

पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर जिले का एक छोटा सा गांव है हापो की ढाणी. यहां रहते हैं भवानी जिनका नाम सुर्खियों में है. भवानी ताउलों( वुशु) टीम में नेशनल टीम में चुने गए हैं. ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023-24 की ओर से आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों में रेतीले बाड़मेर के भवानी गढ़वीर का चयन हुआ है. भवानी का चयन ताऊलो खेल में हुआ है. वुशु खेल 12 फरवरी से जम्मू विश्वविद्यालय में आज से हो रहे हैं. सम्भवतः यह पहला मौका है जब मरुधरा के लाल का ताऊलो जैसे गेम्स में राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ है.

आंखों में बड़ा सपना
मूलतः हापो की ढाणी में रहने वाले भवानी गढ़वीर के पिता शिवलाल गढ़वीर कमठे का काम करते हैं. भवानी गढ़वीर मौलाना आजाद विश्वविद्यालय ,जोधपुर में नियमित छात्र है. संकायाध्यक्ष डॉ इमरान पठान बताते हैं गढ़वीर विश्वविद्यालय में नियमित छात्र हैं और ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए ताउलो गेम्स में चयन हुआ है.ड़ॉ साबरा कुरैशी के मुताबिक मौलाना आजाद विश्वविद्यालय के भवानी गढ़वीर सहित 8 खिलाड़ियों का चयन ताउलो गेम्स में हुआ.

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पिता के त्याग से बना खिलाड़ी
भवानी गढ़वीर बताते हैं वह गरीब परिवार से तालुक रखते हैं. पिता शिवलाल कमठा मजदूरी करते हैं और माता गृहिणी हैं. तीन भाई-बहनों में वो सबसे बड़े हैं. माता पिता ने बड़ी मेहनत और पाई पाई जोड़कर हम लोगों को पाला है. हम उनकी मेहनत बेकार नहीं जाने देंगे. अपने माता पिता और प्रदेश का नाम रौशन करेंगे.

Tags: Barmer news, Local18, Sports news, Success Story

संपादक

फिरोज़ खान हबिब खान

BA in mass communication and journalism Mo. 9730614079

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