रिपोर्ट-विशाल भटनागर
मेरठ. गुरु बिन ज्ञान न होई. या गुरु के बिना ज्ञान अधूरा. लेकिन मेरठ में गुरु के ज्ञान या कहें कोचिंग के बिना ही नयी पीढ़ी तैयार होने जा रही है. ये पीढ़ी खिलाड़ियों की है जिनके लिए कोच नहीं है. खिलाड़ी अपने आप ही अपनी तैयारी कर रहे हैं. वो कितना सीख पाएंगे कहना मुश्किल है.
हम बात कर रहे हैं मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम की. यहां खिलाड़ियों को बिना गुरु के ही खेल के दांव पेंच और बारीकियां सीखना पड़ेंगी. उन्हें ट्रेंड करने के लिए कोई कोच नहीं है. उत्तर प्रदेश शासन ने जो कोच यहां दे रखा था उसका कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो चुका है और नया कोच अभी आया नहीं है.
पैसा हजम-खेल खत्म
मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में शासन ने कोच नियुक्त किया था. इसका कॉन्ट्रैक्ट 31 जनवरी 2024 को खत्म हो गया है. जब तक नए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कोच की नियुक्ति नहीं होगी, तब तक खिलाड़ियों को खुद ही अपनी प्रैक्टिस करनी होगी. जिससे कि उनके सामने काफी बड़ी चुनौती होगी.
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पूरे प्रदेश में यही हाल
क्षेत्रीय कीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह ने जानकारी दी कि शासन ने जो कोच नियुक्त किया था उनका कार्यकाल 31 जनवरी 2024 तक ही था. इसलिए अब खेल विभाग नये कोच की नियुक्ति करेगा. उसके लिए जरूरी प्रक्रिया अपनायी जाएगी. इसलिए जब तक नया कोच नहीं आ जाता तब तक कोई भी कोच आधिकारिक रूप से खिलाड़ियों को ट्रेनिंग नहीं दे सकता. उन्होंने बताया सिर्फ मेरठ ही नहीं प्रदेश के सभी स्टेडियम में यही स्थिति है. खेल विभाग की कोशिश है कि वक्त बर्बाद न हो. खिलाड़ियों के लिए जल्द से जल्द कोच नियुक्त किए जाएं.
हैरान हैं सब
खेल की ये स्थिति देखकर एक्सपर्ट भी हैरान हैं. वो कह रहे हैं आखिर बिना कोच के खिलाड़ी कैसे खेल की बारीकियां सीखेंगे. नया कोच अप्रैल में ही आ पाएगा. इसलिए खिलाड़ियों के तीन महीने तो ऐसे ही बेकार चले जाएंगे. आने वाले समय में कई नेशनल गेम्स होने हैं. खिलाड़ी जब खेल ही नहीं सीख पाएंगे तो खेलों में अच्छा प्रदर्शन कैसे कर पाएंगे. मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में हॉकी, बास्केटबॉल, क्रिकेट, शॉट पुट, तीरंदाजी, वॉलीबॉल सहित 15 खेलों का अभ्यास कराया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : February 5, 2024, 16:47 IST