वर्धा लोक सभा क्षेञ
वर्धा महाराष्ट्र का एक जिला और लोकसभा क्षेत्र है। वर्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आश्रम है। यहीं से वर्धा नदी भी बहती है। यह जिला सतपुड़ा पर्वतमाला के बहुत करीब है। वर्धा में ही विश्वशांति स्तूप है जो पर्यटकों का प्रमुख केंद्र है। यहां कई सूती मिलें भी हैं।
यह तीन दशकों तक कांग्रेस का गढ़ रहा
आजादी के बाद करीब तीन दशक तक वर्धा लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है. श्रीराम नारायण अग्रवाल पहली बार यहीं से सांसद बने थे. तब कमलनयन बजाज, जगजीवनराव कदम, संतोषराव गोडे और वसंत साठे कांग्रेस सांसद थे। 1991 में इस सीट के राजनीतिक समीकरण ऐसे बदले कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के रामचन्द्र घंगारे इस सीट से सांसद चुने गए और कांग्रेस यह सीट हार गई।
1996 में विजय मुंडे सांसद बने
1996 में बीजेपी के विजय मुंडे, 1998 में कांग्रेस के टिकट पर दत्ता मेघे और 1999 में प्रभा राउल सांसद बने. 2004 में इस सीट पर फिर से बीजेपी का कब्जा हो गया और सुरेश वाघमारे सांसद चुने गए. 2009 में यह सीट वापस कांग्रेस के खाते में चली गई और दत्ता मेघे दूसरी बार सांसद बने। बीजेपी ने 2014 और 2019 में यह सीट दोबारा जीती और दोनों बार रामदास तड़स सांसद चुने गए।
2019 लोकसभा चुनाव सांख्यिकी
पुरुष मतदाताओं की संख्या- 8,94,513
महिला मतदाताओं की संख्या- 8,48,752
कुल मतदाताओं की संख्या- 17,43,283
ईसबार 2024 के वर्धा लोकसभा मे सिधी टक्कर अमर काले और रामदास तडस मे है दोनो तरफ से जित के दावे किये जा रहे है , अमर काले ये तुतारी चुनाव चिन्ह लेकर मैदान मे है तो तडस कमल चिन्ह लेकर मैदान मे है . 26 /4/2024 को दुसरे चरण का वोटीग है देखते है जनता किस के सर जित का सेहरा बांधती है .
अपनी राय कामेन्टस बाँक्स मे दिजीये , ये गांधी सिटी अपडेट का चुनावी सर्वे है
अमर काले या रामदास तडस ं? कौन ईसबार चुनाव जितेगा आपकी राय ,….